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इंसान ,प्रकृति और पशु पक्षियों का आपस में गहरा और

इंसान ,प्रकृति और पशु पक्षियों का आपस में गहरा 
और घनिष्ठ संबंध होता है । प्रकृति और पशु पक्षी तो
इंसानों को अपना मित्र मानते हैं लेकिन इंसान प्रकृति 
और पशु पक्षियों को अपना मित्र हरकिज नहीं 
समझता है ,इंसान तो केवल अपने स्वार्थ मात्र के लिए
प्रकृति एवम पशु पक्षियों पर अपने मनमाने ढंग से अनेक
जुल्म करता रहता है। जबकि सबसे बड़ी बात तो यह
है की यदि पूरी धरती पर चींटी से लेकर हाथी तक 
एक भी पशु पक्षी कम हो गया तो पूरी धरती का प्राकृतिक
संतुलन बिगड़ जाएगा और धरती को भारी हानि पहुंचेगी
लेकिन इंसान इन सब बातों के बारे में कहां सोचता है
उसको तो बस अपने स्वार्थ ,मतलब की ही भूख 
लगी रहती है और ये भूख कभी शांत ही नहीं होती है

©"pradyuman awasthi" #गंभीर सत्य ,मानव का
इंसान ,प्रकृति और पशु पक्षियों का आपस में गहरा 
और घनिष्ठ संबंध होता है । प्रकृति और पशु पक्षी तो
इंसानों को अपना मित्र मानते हैं लेकिन इंसान प्रकृति 
और पशु पक्षियों को अपना मित्र हरकिज नहीं 
समझता है ,इंसान तो केवल अपने स्वार्थ मात्र के लिए
प्रकृति एवम पशु पक्षियों पर अपने मनमाने ढंग से अनेक
जुल्म करता रहता है। जबकि सबसे बड़ी बात तो यह
है की यदि पूरी धरती पर चींटी से लेकर हाथी तक 
एक भी पशु पक्षी कम हो गया तो पूरी धरती का प्राकृतिक
संतुलन बिगड़ जाएगा और धरती को भारी हानि पहुंचेगी
लेकिन इंसान इन सब बातों के बारे में कहां सोचता है
उसको तो बस अपने स्वार्थ ,मतलब की ही भूख 
लगी रहती है और ये भूख कभी शांत ही नहीं होती है

©"pradyuman awasthi" #गंभीर सत्य ,मानव का