उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत।"
हुआ सवेरा.....उठो,
जागो.....दूर करो अंधियारा,
तन की शक्ति, मन की श्रद्धा,
जगाओ....
प्राप्त करने योग्य जो है पाओ,
साहस की उंगली....
पकड़ के रखना तुम दिन भर, #yqdidi#yqquotes#yqप्रभाती#yqभोर_के_स्वर#पुण्या_के_दाबू