किसे मालूम था कि जो चले गए आज उनकी यह आखिरी शाम थी । घर से निकले थे दो पल परिवार संग खुशियां बटोरने के लिए मन में उमड़ते श्रद्धा के फूल अपने आराध्य देव को समर्पित करने के लिए । किसे मालूम था कि घर वापिसी नहीं होगी होगी तो बस अनंत की एक शुरुआत होगी । यह post उन सभी लोगों के लिए एक श्रद्धांजलि जिन्होंने आज गुजरात पुल दुर्घटना में अपनी जान गवाई । भगवान शिव उन सभी आत्माओं को शांति प्रदान करें ।