रुकना नहीं है चार निराशा, तंज हज़ारों, ज़रा ज़रा में रुकने वालों, लड़ने से पहले रुक जाओ, बात–२ पे झुकने वालों, कब तक ऐसे समझौता, जीवन सपनों से कर लोगे, कब तक इस खाली झोली को, बस तर्कों से भर लोगे एक सुकून की नींद को ढूंढो, एक भोर में मुस्कान खोजो, एक दोपहरी तन्हा चलना, एक शाम कस्तूरी खोजो, फिर भी मुश्किल गर भेदेगी,तुमको डटके लड़ना होगा, टूट जाएं जब सांस तुम्हारी, तुमको विश्वास से चलना होगा, इसके बाद भी जीवन अपनी, कोई कला दिखा दे तुमको, और समय अपनी फेरी में, कोई मोड़ दिखा दे तुमको, ले जाए वो सांस छीन के, मंत्रों को ज़हनों में भरना, संगम में अस्थि सिर जाएं, अपनों से कहना मत डरना, जीवन एक कमरे में बंद है, हमको इसमें घुंटना नहीं हैं, हिम्मत को थामे रखना है, कहदो मृत्यु से रुकना नहीं है...!! ©Shivam Nahar #ruknanahihai #unstoppable #neerajchopra #Hindi