जिस रास्ते पर तू गया है उस राह की कोई मंज़िल नहीं सही राह जाने को कभी कभी पलटना कोई मुश्किल नहीं यूँ सबको छोड़कर अपने अपनों का दिल तोड़कर अनदेखी अनजानी राहों पे निकल कर बस अपनी ज़िद को सही समझ कर अपनी साँसों का बोझ ना बढ़ा अपने दिल पर अपनों के अश्क़ों का उनके अरमानों की सिसकियों का अनकहे अहसासों का बोझ ना बढ़ा वापस आ...गले मिल..प्यार की सौग़ात लिए जा कुछ ख़ुदा हाफ़िज़ ले कुछ सलाह वाज़िब ले राहें नई मंज़िलों का आग़ाज़ करेंगी किसी का प्यार, उड़ान तुम्हारी परवाज़ करेंगी आ अब पलट के आ जा.... #आ लौट के आ जा...