कानों में गूंज रहा है शोर ज़रा बारिश है बाहर घंघोर ज़रा सावन में नाचे है मोर जरा दिल मैं बैठा है चोर ज़रा तो बताओ चोरी कर लूं क्या? हाथ फिर से थाम कर ज़माने से लड़ लूं क्या? थोड़ी खता कर लूं क्या? तुम्हें अपना समझ लूं क्या? बताओ चोरी कर लूं क्या? प्यार कर लूं क्या? फिर से सवर लूं क्या? शायरी कर लूं क्या? बताओ ना चोरी कर लूं क्या ? ©सूर्यांश गर्ग #Pattiyan chori kar lu kya