Nojoto: Largest Storytelling Platform

"प्यारे नबी मोहम्मद साहब" हज़रत मोहम्मद मुस्तफा स

"प्यारे नबी मोहम्मद साहब"

हज़रत मोहम्मद मुस्तफा साहब दया का समन्दर थे किसी का कभी दिल नहीं दुखाया जो राह में काटें डालते थे उनको भी फूल देते थे जिसने उनका क़त्ल करना चहा उन को भी माफ कर दिया था इस्लाम के आखिरी और मुकम्मल दीन ए इस्लाम को करने बाले अल्लाह के आखरी नबी थे यूं तो एक लाख 24 हज़ार नबी आए हैं पर हमारे प्यारे नबी जैसा कोई नहीं बैसे तो अल्लाह की जानिब से भेजे गये हर नबी खूब थे पर प्यारे नबी की तरह इस संसार मे कोई न आया है न आएगा...

©A. R. Zaidi प्यारे नबी मोहम्मद साहब
"प्यारे नबी मोहम्मद साहब"

हज़रत मोहम्मद मुस्तफा साहब दया का समन्दर थे किसी का कभी दिल नहीं दुखाया जो राह में काटें डालते थे उनको भी फूल देते थे जिसने उनका क़त्ल करना चहा उन को भी माफ कर दिया था इस्लाम के आखिरी और मुकम्मल दीन ए इस्लाम को करने बाले अल्लाह के आखरी नबी थे यूं तो एक लाख 24 हज़ार नबी आए हैं पर हमारे प्यारे नबी जैसा कोई नहीं बैसे तो अल्लाह की जानिब से भेजे गये हर नबी खूब थे पर प्यारे नबी की तरह इस संसार मे कोई न आया है न आएगा...

©A. R. Zaidi प्यारे नबी मोहम्मद साहब

प्यारे नबी मोहम्मद साहब