देखा मैंने अपनी नजरों से फिर उस आंगन को आज जहां कभी बच्चों की किलकारियां गूंजा करती थी वहीं आज सन्नाटा सा पसरा हुआ है मानो उसकी उदास मंजर उन बच्चों को ढूंढ रही हो शायद जिनके संग यह हंसती खेलती रहती थी उनको पलकों पर बिठाती अपने दामन में समटती थी उनके उधम चौकड़ी से झूम जाती थी उनकी गिरने पड़ने पर अपने सीने से जो लगाती थी उनके मां से भी ज्यादा उन संग जो लॉर्ड लड़ाती थी आज वही आंगन वही मिट्टी अपने नम आंखों से अपने बच्चों को ढूंढ रही है.... #NojotoQuote #sadmomentsforlifeeach&everytime