तुम्हे भुलाने को तो जमाना हुआ... तुम रोज याद आते हो ए तो बस् बहाना हुआ... . . . जरूर तलाश थी तेरी पर दरमियां कुछ रहा नही... तेरी आवाज जगाती हे पर तुने कुछ कहा नही... . . . खोमोश लफ्ज खुदको सुना रहा हू... मोहब्बत हु ...खुद को जला रहा हू... . . . #युगेंद्र अशोक काकडे #meltingdown #मोहब्बत