आँखों में आँसू क्यों रखते हैं अक्सर हम इंसान..? तन्हा होकर तकदीर वक्त रब को दोषी क्यों ठहराते हैं अक्सर हम इंसान..? लिखा लेख में विधाता ने कर्मो के हमारे उसको स्वीकार क्यों न कर पाते हम इंसान..? जब एक रास्ता बंद हो जाता तो नई राह के मिलने का संकेत रब दिखाता अक्सर क्यों भूल जाते हम इंसान..? जब शाख़ से हरियाली पतझड़ में झड़ जाती है,तो पंछी उड़ान भर जाते है इस उम्मीद के साथ कि फिर हरियाली का मौसम आयेगा वापस बसेरा उस शाख़ पर होगा, इसलिए इंसान को ये न भूलना चाहिए जिसका कोई नहीं होता उसका रब होता है, ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1080 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।