जल बुझे सब ख्वाब मेरे हाथ आए थे सिर्फ़ राख़ मेरे तेरे आनें से ख़ुशगवार हुआ था मौसम ऐसे मानों हंस पड़े थे दिन रात मेरे फ़िर चली आंधी शक और फ़रेब के और उड़ा ले गये सारे एहसास मेरे ख़ैर मैं तो मेरी ना रह सकी पर निशां भी ना बचे तेरे।। #ख़्वाबमेरे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi