मौसम की तरह तुम. आती हो और जाती हो. हम तुमको क्या बताए. तुम कितना सताती हो जैसे बारिश भिगोती जमी को हम क्या बताए अब तेरी कमी को मौसम की तरह बलखाती हो आती हो और जाती हो #mausam