Mind and Heart दिल और दिमाग़ के बीच फसा ,एक इंसान हूं। कैसे बयां करूँ मैं, कि किस बात से परेशान हूँ। क्यों नही मिलता जो चाहो यंहा, मैं बहुत हैरान हूं। दो धार पे डोलती नैया मेरी ,लगे जैसे बहुत नादान हूँ। वस में नही कुछ भी मेरे ,मैं तो बस निगेहबान हूँ। #कसमकश भरा जीवन#