छोड़ दो तुमने कहा है छोड़ दूँगा जिंदगी । तोड़ दूँगा रिस्ते सारे तोड़ कर आबादगी ।। यदि यही तेरी खुशी है जा सदा आबाद रह। अलविदा मेरे सनम तू अलविदा ऐ जिंदगी।। "स्वच्छंद" देव उत्तम शर्मा "स्वच्छंद" हरदोई