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"प्रियतम" जो आखों से छलक कर भी मौन है, उस अधूरेपन


"प्रियतम"
जो आखों से छलक कर भी मौन है,
उस अधूरेपन का प्रतीक हो तुम,
या फिर बिछड़ कर भी जो साथ है,
उस निश्चल प्रेम का प्रारूप हो तुम,
   असंख्य आशाओं को समेटे हुए,
   मेरी सारी दुविधाओं का हल लिए,
   मेरे हृदय में बसे प्रियतम का,
   भाव विभोर स्वरूप हो तुम ।

©Dt Sapna Nova
  #KiaraSid 
"प्रियतम"
जो आखों से छलक कर भी मौन है,
उस अधूरेपन का प्रतीक हो तुम,
या फिर बिछड़ कर भी जो साथ है,
उस निश्चल प्रेम का प्रारूप हो तुम,
   असंख्य आशाओं को समेटे हुए,
   मेरी सारी दुविधाओं का हल लिए,

#KiaraSid "प्रियतम" जो आखों से छलक कर भी मौन है, उस अधूरेपन का प्रतीक हो तुम, या फिर बिछड़ कर भी जो साथ है, उस निश्चल प्रेम का प्रारूप हो तुम, असंख्य आशाओं को समेटे हुए, मेरी सारी दुविधाओं का हल लिए, #Love

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