एक सफर से अंजान रह गया मैं। इश्क में थोड़ा सा वीरान हो गया मैं। भागा तो बहुत उस सफर पर जाने के खातिर। फिर न जाने क्यों अकेला परेशां हो गया मैं। मुद्दतें लगा दीं एक मोहब्बत को पाने में। फिर जाकर पता चला की बादबाद हो गया मैं। एक सूरत जो मेरा पीछा आज तलक करती है। देखा मुड़कर तो खाक हो गया मैं। ©Sourabh Tripathi #sourabhtripathi #Shayar #Shayari #Poetry #Poet #poem #Nojoto #Broken #brokenheart #sagarkinare