रेडियो आवाज़ का वो माध्यम जिसमें इंसान की आवाज़ उसके एक-एक शब्द उसका दीवाना बना देता है क्योंकि आवाज़ दिल को छूती है और वो छुअन वो स्पर्श दिल को ख़ुश करती है। रेडियो के ज़माने में फूहड़ता कम थी, टेलीविजन के ज़माने में अश्लीलता अधिक है। ज़नाब रेडियो की खूबसूरती काश समझ पाएं सबकुछ है पर अब ज़माने में आधुनिकता अधिक है।। ©Jitendra VIJAYSHRI Pandey "JEET " #जीतकीनादानकलमसे #radiojockey #radioday #radio #nojotoenglish #nojotohindi #DilKiAwaaz सत्य Ayesha Aarya Singh