ॐ🌱ॐ *चैतन्य बोध* ॐ 🌱ॐ होश का संबध सोकर उठ जानें एवम नित्य मिट जानें वाली ताज़गी से कदापि नही अपितु ब्रह्मांड में विद्यमान संपूर्ण जीवन चेतना के दृष्टा एवम परम साक्षी हो जानें से है अर्थात शरीर की मृत्यु से पहले ही मृत्यु को जान लेने तथा जन्म एवम मृत्यु के बंधन से सदा के लिए मुक्त हो निर्वाण को उपलब्ध हो जाने से है 🍀अभिमन्यु (मोक्षारिहन्त)🍀 ©Abhimanyu Dwivedi बोध निधि