सपने वो हैं जो बंद आँखों से देखे गए हों, खुली आँखें सिर्फ़ भ्रम पैदा करती हैं। (कैप्शन में पूरा पढ़ें) सपने वो हैं जो बंद आँखों से देखे गए हों, खुली आँखें सिर्फ़ भ्रम पैदा करती हैं। हमारा वही है जो हमनें हासिल किया है जो ख़ुद मिल गया वो किसी और का है। रुका वहीं जा सकता है जहाँ हम चल के गए हों, अगर कोई हम तक चल कर आया है वो आगे भी जा सकता है। कुछ लालच बुद्धि को हर लेते हैं फ़िर पछतावा पूरे शरीर पर हावी हो जाता है।