मैं उन्मत प्रेम का प्यासा हूँ,हृदय दिखाने आया हूँ। जो कुछ है वह यही पास है,इसे चढ़ाने आया हूँ।। चरणो पर अर्पित है,इसको चाहो तो स्वीकार करो। यह तो वस्तु तुम्हारी ही है,ठुकरा दो या प्यार करो।। सभी को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं