रोशन है मुकम्मल शेहर उसका रास्तों पर मगर इक भी शख़्स नहीं निगल ली शायद, स्याह रातों ने हर शख़्स को चिराग कोई जलने से पहले.... #चिराग_कोई_जलने_से_पहले