एक-एक फुट गड्ढों का सड़कों पे होता देख भराव। पता लगा मुझे भी कि शायद करीब आ गए चुनाव। थोड़ी दूर उसी सड़क पे चला तो आया एक पड़ाव। जहाँ लिखा था हमें जिताओ 72000 मुफ़्त पाओ। दिमाग ने झट से कहा देख क्या मस्त खेला है दाव। और उन्हें लगता है कि इससे वो जीतेंगे यह चुनाव। मैंने सोचा होने दो उनमें भी कुछ दिन ये भ्रम भाव। सब कुछ साफ हो जाएगा बस बीतते ही ये चुनाव। फिर थोड़ी दूर चला मैं, तो आया एक और पड़ाव। जहाँ लगा था चौकीदारों का बहुत ही बड़ा जमाव। चौकीदार के घर पे भी देख चौकीदारों का जमाव। पता चला मुझेभी कि ऐसे लड़ते हैं जंग-ए-चुनाव। अब हम थोड़े अलग भीड़ में नहीं टिकते मेरे पाँव। जो खुद भीड़ में जाके जाने, नेता जी का स्वभाव। सोचा छोड़ो जानके भी क्या करेंगे इनका स्वभाव। आखिर इन्हीं में से कोई एक तो जीतेगा ये चुनाव। फिर घर पहुँच हम जैसे ही बैठे धो कर हाथ पाँव। माँ ने कहा टीवी पर कोई न्यूज़ चैनल तो लगाओ। फिर हर चैनल पर दिखा बस नेता जी का प्रभाव। चौकीदार के भाषण, पप्पू का खास चुनावी दाव। तब लगा कि हर बार जैसा ही होगा ये भी चुनाव। जहाँ जनता है प्यादे, नेता ही खेलेंगे असली दाव। कुछ इस तरह ही होगा इस बार का भी ये चुनाव। #indianpolitics #loksabhaelection2019 #indianelections #netaji_ke_chunavi_vaade #politics_now_a_days