" जय श्री श्याम " जब -जब भी सुनिते थे आपकी महरबानियो की दास्ता दिल में ज़्योत सी जगती थी तेरी चोखट पर आने की फिर ना जाने क्यो हर बार मेरी अर्जी Reject हो जाया करती थी फिर अचानक ग़्यारस के अगले ही दिन "बारश" को मेरी अर्जी आपके दरबार मे लगाई जाती हैं! और बस गाड़ीयों की हडताल होने होन पर भी Baba तुझसे मिलने की आशा मुझे गिरते पडते तेरी चोखट पर खींच लाती है। और आपको देखकर मेरी आँखे "आसु बहुत बहाती है और दिल से एक अरदाश लगाई जाती है "Baba मेरी लाज रखना" और फिर अगले ही महिने वर्षों से चल रही मनौकामन पूर्ण हो जाती है। सच मे मेरा खाटुवाला श्याम बडा दातारी है।। ©INDIANTRUST.IN ( BY VISHNU SAINI) #jaishrishyam #जय_श्री_श्याम_बाबा_जी #खाटूश्यामबाबा