बाहों मेरी जो तूने लिया हमें मानो ज़िंदगी मिल गई अब और किसी चीज़ की हमें ख्वाहिश ना रही भूल गए हम सब कुछ दुनिया लगे बिलकुल नई 🔴 "दोस्तों आप लोग कोल्लब (COLLAB) करने से पहले कैप्शन जरूर पढ़ लें" 🔴 " इस प्रतियोगिता का समय सीमा आज रात्रि 12:00 बजे तक ही मान्य होगा" 🔴 "दोस्तों आप लोग अपनी रचना, 4 या 6 पंक्तियों में ही