कहानी 1 उपेक्षा से प्रतीक्षा तक -9 विक्रम जीत के घर मे एक बार पुनः एक बच्चे के आगमन की उम्मीदें जागी । विक्रम जीत बहुत खुश थे ,वे पत्नी मनिमाला का अतिरिक्त खयाल रखने लगे,किन्तु बेटी दिव्यश्री भी अभी बहुत छोटी थी अतः देखभाल का समीकरण गङबङाने लगा । मनिमाला पति को अपनी देख भाल के लिए आकर्षित करती तो दिव्य श्री अपनी ओर ---। वे एक ओर जिम्मेदार पिता थे तो दूसरी ओर एक एक जागरूक पति।किन्तु दोनो ही किरदारों मे वे स्वयं को 100%अंक देने की स्थिति में नहीं थे । धीरे-धीरे आखिर ये इंतजार भरे दिन भी व्यतीत होने लगे । संभावित तिथि से एक माह पूर्व मनिमाला ने रात खाना खाते समय विक्रम जीत से कहा ------ शेष--- उपेक्षा से प्रतीक्षा तक भाग-10 ©Pushpendra Pankaj पंकज की कहानियाँ उपेक्षा से प्रतीक्षा तक भाग-9