Nojoto: Largest Storytelling Platform

कुछ सुलझी सी कुछ अनसुलझी सी हूं मैं थोडी शरारती त

कुछ सुलझी सी 
कुछ अनसुलझी सी हूं मैं
थोडी शरारती तो 
थोडी शांत  सी हूं मैं
थोडी बहती नदी सी तो 
थोडी समन्दर सी गहरी हूं मैं
पल भर मे जो ना समझे 
ऐसी  अनसुलझी पहेली हूं मैं.🧡✍️

©गीत @मन की पतंग
  #सुलझी और अनसुलझी

#सुलझी और अनसुलझी #विचार

332 Views