Unsplash मैंने बहुत सोचा खुद को.... जो कहना था वह लिखा मैंने, जो बताना था वह छुपा लिया जो सोचा था वह समझ गई, जो समझ गई समझा न सकी जो कह देती वह सहना था, जो सहना था वो सह ना सकी मैंने अक्सर पूछा खुद से.... जो झूठ कहे वह झूठा है,यह सच भी कितना सच्चा है?? जो होना था वह हुआ नहीं, जो हुआ नहीं वह कैसा था?? मैंने रब से क्या मांगी थी ?मुझको किसकी जरूरत थी? मुझको क्या कुछ दिया है रब ने?? मेरी जिंदगी की झोली में ना रंग रूप ना पैसा था... जो पाया है वो खोना है, मुझको अब किसका होना है? जो मिला नहीं, वो क्यों न मिला? ये जिंदगी क्या कोई खिलौना है? मैंने पढ़ा तो जाना खुदको.... औरो में खुदको खोने वाली, औरों के लिए भी रोने वाली मुझको मेरी जरूरत है, कभी रो लेती हूं छुप - छुपके हां हंसती मगर साथ हूं सबके कभी कह जाती हूं कुछ बातें, कभी चुप रहना अच्छा लगता है खुद में ही ऐसी उलझी हूं, की सबकुछ बिखरा लगता है। खोने को जब कुछ बचा नहीं, तो खोने से अब क्यों डरती हूं औरो की जंग है औरों से, मैं खुद से अकेली लड़ती हूं मै खुद से हूं अब हार गई , पर जीत मुझे तो मिली नहीं मै कौन हूं मेरा वजूद है क्या मैं खुद से पुछा करती हूं खुद में खुद को खोया हैं मै खुद को ढूंढा करती हूं। ©ANKITA k jha #Book #Haqiqat in life quotes positive life quotes happy life quotes reality life quotes in hindi