टुकड़े,टुकड़े की बात करते हैं, लोकतंत्र पर आघात करते हैं। देशप्रेम का इकरार भी करते हैं, जब देखो,तब तकरार करते हैं। ये विरोध है या फिर हताशा है, कैसी मुश्किल,कैसा तमाशा है। अभी तो सिर्फ गोलियाँ चली हैं, शायद देश को जलाना बाकी है। खामोश से हैं लाखों मंजर यहाँ, तूफान का आना अभी बाकी है। देश जलाकर, तुम कहाँ रहोगे, अगर तुम्हारा ही घर जल गया, बताओ तो जरा तुम क्या करोगे। माना कि तुम घर नया बनाओगे, कोई नया सा शहर भी बसाओगे बताओ देश कौन सा बनाओगे।। खामोश से हैं लाखों मंजर यहाँ। #दिल्ली_हिंसा #देश #तूफान #हताशा #निराशा #मुश्किल #तमाशा #अंहिसा #nojoto #भारत