तेरी हंसी के साथ खिलखिलाना चाहती हूं तेरी आंखो से खुद को देखना चाहती हूं तेरी बातों में आवाज़ मेरी चाहती हूं तेरे हाथो में मेरे हाथ चाहती हूं तेरे सारे रास्ते मेरे कदमों के साथ पूरे करना चाहती हूं तेरे दिल में मेरे लिए एहसास चाहती हूं तेरी सांसों में धड़कने मेरी चाहती हूं तेरी मुश्किलें मै हल करना चाहती हूं तू हंसाएगा मुझे तो मै रोना भी चाहती हूं तू मनाएगा मुझे तो रूठना भी चाहती हूं तू सुनेगा मुझे तो गम भी बाटना चाहती हूं तू साथ देगा मेरा तो हर जनम तुझे चाहती हूं हमारी हर शुबह और हर शाम एक साथ चाहती हूं ©Diksha Karole #lifedreams #thoughtsofmine