कभी तू ना रहे फिर भी तिरी तस्वीर काफ़ी है, यही टूटी हुई कश्ती यही तक़दीर काफ़ी है जुदा हो कर भी यादें ये हवायें ले ही आयेंगी मुझे क्या चाहिए बस अब यही तासीर काफ़ी है, ये क्या कम है मुझे तूने अदीबों में किया शामिल, ख़ुदा के सामने बस एक ये तहरीर काफ़ी है, लुटा सब कुछ मिरा पर अब मगर कैसे तुझे खो दूँ, ज़माने के लिए मेरी यही तक़रीर काफ़ी है, तू मेरे नाम से मशहूर होता जा रहा हर दिन, ऐ सानू ज़ीस्त की तेरी यही तौक़ीर काफ़ी है। तेरी तस्वीर #yqdidi #yqhindi #yqghazal