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ओस चाटने से कभी प्यास नहीं बुझती है कभी बात बनती त

ओस चाटने से कभी प्यास नहीं बुझती है
कभी बात बनती तो कभी बिगड़ जाती है

कही कहावतें यूँ ही कभी झूठ नहीं होती हैं
दूध की जली बिल्ली भी मठ्ठा फूंक के पीती है

 ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_280 

👉 ओस चाटने से प्यास नहीं बुझती लोकोक्ति का अर्थ ---- अधिक कंजूसी से काम नहीं चलता। 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ दो लेखकों की रचनाएँ फ़ीचर होंगी।
ओस चाटने से कभी प्यास नहीं बुझती है
कभी बात बनती तो कभी बिगड़ जाती है

कही कहावतें यूँ ही कभी झूठ नहीं होती हैं
दूध की जली बिल्ली भी मठ्ठा फूंक के पीती है

 ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_280 

👉 ओस चाटने से प्यास नहीं बुझती लोकोक्ति का अर्थ ---- अधिक कंजूसी से काम नहीं चलता। 

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♥️ दो लेखकों की रचनाएँ फ़ीचर होंगी।