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परमात्मा कबीर जी समझाते हैं कि हे भोले प्राणी! गरू

परमात्मा कबीर जी समझाते हैं कि हे भोले प्राणी! गरूड़ पुराण का पाठ उसे मृत्यु से पहले सुनाना चाहिए था ताकि वह परमात्मा के विधान को समझकर पाप कर्मों से बचता। पूर्ण गुरू से दीक्षा लेकर अपना मोक्ष करता। जिस कारण से वह न प्रेत बनता, न पितर बनता, न पशु-पक्षी आदि-आदि के शरीरों में
कष्ट उठाता। मृत्यु के पश्चात् गरूड़ पुराण के पाठ का कोई लाभ नहीं मिलता।

©Hariom अंत समय  जब चले अकेला आशुँ नेन  धलकी 
, मन तू पवेगा अपना किया रे  भोगेगा 
अपना किया रे! 

#Drown
परमात्मा कबीर जी समझाते हैं कि हे भोले प्राणी! गरूड़ पुराण का पाठ उसे मृत्यु से पहले सुनाना चाहिए था ताकि वह परमात्मा के विधान को समझकर पाप कर्मों से बचता। पूर्ण गुरू से दीक्षा लेकर अपना मोक्ष करता। जिस कारण से वह न प्रेत बनता, न पितर बनता, न पशु-पक्षी आदि-आदि के शरीरों में
कष्ट उठाता। मृत्यु के पश्चात् गरूड़ पुराण के पाठ का कोई लाभ नहीं मिलता।

©Hariom अंत समय  जब चले अकेला आशुँ नेन  धलकी 
, मन तू पवेगा अपना किया रे  भोगेगा 
अपना किया रे! 

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hariom8766715961091

Hariom

New Creator

अंत समय जब चले अकेला आशुँ नेन धलकी , मन तू पवेगा अपना किया रे भोगेगा अपना किया रे! #Drown #विचार