सच के साथ लड़ने के वो कायदे भुला रहे हैं, मिले हुए अधिकारों के वो फायदे उठा रहे हैं... बेगुनाहों के भी अब वो गुनाह गिना रहे हैं, शायद अब वो अपनी औकात दिखा रहे हैं... थाम कर हाथ चले जो उन्ही पर ऊँगली उठा रहे हैं, ख़ुद से ही ख़ुद को वो हमारी नज़रों से गिरा रहे हैं.. देख कर सच को आजकल वो मुँह छुपा रहे हैं, ख़ुद के हाथों ही ज़िन्दगी का दिया बुझा रहे हैं.. इतने मासूम भी नहीं वो की मालूमात ना हो कुछ उन्हें , औकात देखने के लिए हमारी वो अपनी औकात भुला रहे हैं.. शालिनी साहू #thought #random #shalinisahu #ethics #valueoflife #yqbaba #yqdidi #bestyqhindiquotes