अपनी कितने रातें जग कर बितायी मैंने अपने कितने सपनों का वजूद मिटाया है, ना पूछ कीमत मुझसे उस एक मोती कि जिस पाने के खातिर मैंने हजार हीरो को गवाया है... मोती