चल रहा हूं थाम के बाहें आकाश के धरती के सुरज की रोशनी को माथे में लाके आशा लेके मेहनत पे बरोसा हैं कुछ पाही लुंगा ना रुकुगा जब तक मंजिल तक ना पोहचुगा। सुप्रभात। करने को बहुत कुछ कर सकता है, अकेला आदमी। #अकेलाआदमी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi