और ओर न बढ़ाया करो आज से हाथ, अब हम रहेंगे,सिरमौर के हाथ, हम रुकते है,शोर के साथ, आप चाहते जाइए,जाम का नाम साथ।। #mohbabt ishak# #YourQuoteAndMine Collaborating with Subhash Prajapati