काश.... वो लम्हा क्यूँ आया था, रोतो हुये एक नई जिंदगी को मैंने पाया था, किसी के चेहरे पर मुस्कान थी कोई नाखुश था, बीते हुये दिन की तरह एक खामोशी को देखा था, लज्जित था कोई इस दिन से, लज्जित था कोई मेरे जन्म से, एक माँ की जिंदगी को दाँव पे लगाकर, एक जिंदगी खुद की मैंने भी पाई, अहमियत तो कईयो की होती है पर, पापा के मुंह से हर वक्त बेटियों की इच्छाओ के लिए खुद की रोजी - रोटी की दुआ ही मांगी, ना सर्दी देखी, ना बरसात देखी, तपती धूप से मेहनत से कभी हार नहीं मानी, हा जब दुनिया में आयी थी तो ऱोते हुये आयी थी, जब इस दुनिया से जाऊँगी कईयो को रूला के जाऊँगी, अपनी किस्मत के हर पन्ने को अपने साथ ले जाऊँगी, अपनी कहानी से लिखी छाप एक खुद की भी छोड़ जाऊँगी, बहुत खुशनसीब हुँ जो इस घर में जन्म लिया, मुझे खुश देखने के लिए आँसूओ को भी इन्होंने छुपाया, मेरी कमजोरी को भी हौसले का तजुरबा सिखाया, मेरी हार को कभी डाट कर नहीं रुलाया, बस कहा अभी जीत की उम्मीद बहुत पड़ी है, तेरे अरमानो पे कईयो की उम्मीद खड़ी है, जब इस दुनिया में आयी है तो, इस दुनिया में कुछ बनकर ही जायेगी, हमारी उम्मीदो पर तू खऱी उतर के जरूर आयेगी, ©Sita Kumari #काश #readmythought #nojohindi #nojoto🖋️🖋️ #followme #like4like #poem #OneSeason