हा रो रही हूंँ मैं, तो मुझे रोने दो, अब क्या आंँसू भी छीन लोगे हमारे जा तो चुके हो, मेरे दिल को तोड़ कर अब तो यही है बस, जीने के सहारे मुझे मंजूर नहीं था, तुमसे दूर रहना मगर हम तो अब, किस्मत के आगे हारे यूँ तो ग़म से हमारा खास रिश्ता तो नहीं फिर भी गमों में लिपटे है, बिन तुम्हारे यूंँ तो तुम्हारी याद ने, पीछा छोड़ा नहीं अब तो साथ है, तेरे संग बिताए पुरानी यादें वो सारे 🎀 Challenge-186 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है। 🎀 कृपया कोरा काग़ज़ समूह के नियम एवं निर्देश अवश्य पढ़ लें। बाक़ी सभी ने हमारी ही नकल की है। 😊