#5LinePoetry यह जो फासले ठहरे दरमियां हैं हाल-ए-दिल की गुजरी दास्तां हैं ऐसे आलम में बयां कोई कैसे करे खामोशी की बेड़ियां लबों पे बन्धी है आज हया से झुकी नजरें हुई बेजुबां हैं रोहित मिश्रा 'हीरू' ©Rohit Mishra #5LinePoetry dhyan mira Sanjay (श़ाग़िल Shaagil)