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दिल में जिम्मेदारियों का अंबार लिए, जीते जा रहे है

दिल में जिम्मेदारियों का अंबार लिए,
जीते जा रहे है।
अपनी खुशियों का सौदा करके ,
परिवार के बारे में सोचे जा रहे है।
आखिर क्यों मर्दों को आजादी नहीं है,
खुल कर रोने कि,
क्या उनके आसुओं पर भी पाबंदी है ?
ऐसा क्या अंतर है मर्द और औरत में
क्या मर्दों को दुःख नहीं होता 
या उन्हें परेशानियां ,जिम्मेदारियां नहीं कचोटती,
क्या उन्हे पिता की डांट नहीं पड़ती?
आखिर

©Pooja
  आंसू
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Pooja

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आंसू #विचार

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