दिल हर वक्त यह चाहता था मेरा, के तुझे छूकर कभी देखूं। मगर... मगर... मगर... एक ख्वाहिश थी यही, यही दिन रात मैं सोचूँ तुझे छूकर कभी देखूँ ओ मेरे ख़्वाब। अपने ख़्वाब के बारे में लिखें।