बयां कैसे करें कि हम खुद को गुमराह करते रहे बदसूरती चहरे में थी दोष आईने को देते रहे उनकी तो फितरत ही थी रंग बदलने की हम थे कि उनके हर रंग में रंगने की कोशिश करते रहे Nojoto Maya ' shayari# phitrat