इश्क की गली के तरफ कभी तुम आना हमसे अच्छा कोई मिले तो फिर बताना मुहब्बत कितना सस्ता है आज दौर में कभी तुम लोगों के साथ मेरे दर पर आना प्यार की अब नदियां बहती है मेरे यहां साहिल पर खड़े हो तुम जरा अन्दर आना मुश्किलें चाहे जैसी भी हो जरुर कहना कोई तुम्हारा साथ ना दे तो मेरे घर आना इश्क में डर कैसा होता है पता नहीं मुझको आरिफ मुहब्बत की जंग है जीत कर आना इश्क की गली के तरफ कभी तुम आना हमसे अच्छा कोई मिले तो फिर बताना मुहब्बत कितना सस्ता है आज दौर में कभी तुम लोगों के साथ मेरे दर पर आना प्यार की अब नदियां बहती है मेरे यहां साहिल पर खड़े हो तुम जरा अन्दर आना