सीता के रखवाले राम थे, जब हरण हुआ तब कोई नहीं द्रीपदी के पांच पाण्डव थे,.. जब चीर हरणं हुआ तब कोई नहीं। दशरथ के चार दुलारे थे, जब प्राणं तजें तब कोई नहीं। रावण भी शक्ति शाली थे, जब लंका जली तब. कोई नहीं। अभिमन्यु राजदुलारे थें.. परं चक्रव्यूह में कोई नहीं.। सच यहीं है दुनिया वालों, संसार में अपना कौई नंहीं। ©Mishra Agency Sushant Singh Rajput