सभी को छोड़कर खुद पर भरोसा कर लिया मैंने, वो मैं जो मुझमें मरने को था ज़िन्दा कर लिया मैंने मुझे उस पार उतर जाने की जल्दी ही कुछ ऐसी थी कि जो कश्ती मिली उस पर भरोसा कर लिया मैंने मुझे ये खौफ़ दे मालिक मुझी पर है नज़र तेरी बस इतना ही नहीं काफ़ी कि सजदा कर लिय मैंने भरोसा तूने तोड़ा था मगर ख़ुद को सज़ा यूँ दी । कि फिर जो मिल गया उस पर भरोसा कर लिया मैंने यही चाहा कि जो मुझसे मिले मेरी तरह सोचे । इसी इक सोच से खुद को अकेला कर लिया मैंने सफ़र मेरा किसी तूफान के डर से नहीं रुकता, इरादा कर लिया तो फिर इरादा कर लिया मैंने --वसीम बरेलवी