Unsplash हाथों में लकीर खींच कर बनाई हैं। तुझे पाने के लिए कुछ ऐसी ज़िंदगी में जोड़ने की रणनीत बनाई हैं। जो लोग कहते थे, तेरे हाथों की लकीरें बोल रही तुझे वो नसीब नहीं। इसलिए खुद से वो लकीर बनाई हैं। ©Deependra Dubey #तकदीर_ए_क़िस्मत शायरी