याद आती तुम्हारी हर घड़ी मन में रहते हो तुम हर घड़ी क्या करूँ कैसे मिलूँ तुमसे दिल बेचैन रहता हर घड़ी यूँ ही नहीं ख़्यालों में बसता कोई क्या तुम भी सोचते मुझे हर घड़ी कुछ तो राब्ता होगा 'निर्झरा' क्यूँ दिल धड़कता फिर बेवजह हर घड़ी अब इक़रार कर भी लो तुम सुनो अच्छा नहीं तड़पाना इस क़दर हर घड़ी 🌹 हर घड़ी... #हरघड़ी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi