बेहतरीन गाना मिल गया, मानो खजाना मिल गया और फिर इतना भटक गया ध्यान। कि कम ही नहीं हो रही है मुस्कान अब इस मुस्कान का इतना फायदा उठाना है, जो-जो गीत गाये, उनसे और अच्छा गाना है। इस प्रकार प्यार में कर के समस्याओं से संगीत संचित करना है सारी समस्याओं को वंचित ताकि तन ताल का गुलाम हो जाए, सुर सुनकर सर्वाधिक नाम हो जाए। अपने घर की दीवारों ने, और बाहर की दीवारों ने हाथ हटा कर तबले से ताल तोड़ दिया, जिसे जोड़ते-जोड़ते कई को छोड़ दिया। वे सोच रहे हैं कि काम मेरा डर कर भागना है मगर मेरा काम उन्हें छोड़ना अर्थात् त्यागना है, जो घायल बंसी की धुन सुन सकते नहीं, जो घायल पायल की पुकार सुनते नहीं, हम भी ऐसे लोगों के पक्ष में बुनते नहीं कोई-किसी कविता को जो सदैव सच्चाई से सुनती है। इस प्रकार प्यार में उसको तो दीवाना मिल गया। बेहतरीन गाना मिल गया तो खजाना मिल गया।। ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni #गाना_खजाना_बना