सुखदेव सिंह इंडियन आर्मी में सेनानी हैं । अपनी पत्नी निवेदिता और बच्चों के साथ आनंद पूर्वक पार्टी कर रहे हैं । तभी दरवाजे पर घंटी की आवाज आती है ... निवेदिता दरवाजा खोलती हैं ! इंडियन आर्मी के सिपाही दरवाजे हैं । उनका उद्देश्य सुखदेव को अपने साथ ले जाने के लिए आते हैं !! बार्डर पर आतंकवादी का आक्रमण की सूचना देते हैं । सुखदेव एक सच्चा देशभक्त हैं जिसे अपने प्राणों की भी चिंता नहीं है । सुखदेव जाने के लिए तुरंत ही तैयार हो जाता है ... इधर पत्नी और बच्चे परेशान होते हैं , उनको सांत्वना प्रदान कर " देशभक्त " की सेवा के लिए चल दिया । सुख देव को देखते ही इंडियन आर्मी में उत्साह की लहर दौड़ पड़ी । " ड्रोन नीति " के लिए सुखदेव आक्रमक देश की ओर जाता है । ... " आज 15 वर्ष हो चुके हैं पत्नी बुड्ढी हो चुकी हैं .. देश अनेक नेताओं को बदल चुके हैं लेकिन सुखदेव की जल्द वापसी का वादा आज भी अधूरा है ।" # ऐसे अनेक सुखदेव जैसे वीर , आक्रमक देशों में कैद है .. काश हम इनके विषय में भी अभ्युदय कर पाते ।। #yostowrimo में आज की कहानी का विषय है - वापसी। यह वापसी किसी भी तरह की हो सकती है। कई बार हम निश्चय कर रखते हैं कि ऐसा ही करके लौटेंगे मगर ऐन वक़्त पर कुछ अलग ही निर्णय लेना पड़ता है और हम वापिस मुड़ जाते हैं। प्रेम से लेकर जीवन के विभिन्न व्यापार में ऐसा होता रहता है। #वापसीकहानी #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi