हर शाम सिर्फ तेरे इंतज़ार में गुजारी है मेरी जान हर इक सांस सिर्फ तुम्हारी है रात भर उससे हुई थी गुफ्तगू ख्वाबों में इसलिए रात से छायी हम पर खुमारी है वो जमाने से लड़ जाएगा इश्क़ के लिए उसकी रग रग में प्यार और वफादारी है वो बिछड़ते वक़्त मुझसे मुस्कुरा रहा था ये हकीकत नहीं है उस की अदाकारी है अब तो आर-पार होकर हो कर ही रहेगा इस बार तुझे पाने की मेरी बड़ी तैयारी है हारी होगी मोहब्बत कई दफ़ा समाज से अब हारेगा समाज अब इश्क़ की बारी है हम मिलके नफरतों का समंदर करेंगे पार हौसला और सच्चाई ही हमारी सवारी है दुश्मनों के मनसूबों को जला कर देगी राख नफरतों पर हावी अब प्यार की चिंगारी है तुझको मुकद्दर से लड़ के अपना बनाऊंगा कोशिश व जिद मेरी मुकद्दर पर भी भारी है #yqbaba #yqdidi #hindi #hindipoetry #longform #shayari #trending #akshaypoetry